किशनगंज में नितीश की जनसभा में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैम्पस की स्थापना की लिए लहराए जा रहे कुछ बेनर क्या दबाब की राजनीति का हिस्शा तो नहीं | "AMU की स्थापना - हकीकत या फ़साना ", का बेनर तो समझ में आरहा था | परन्तु एक और बेनर " आपका साथ AMU की स्थापना के बाद" का बेनर जो एक तरह से धमकी थी के बाद तो नितीश को समझ लेना चाहिए की जिस वर्ग के वोट की लिए रोज नई नई घोषणा हो रही है | उसके वोट इअतानी आशानी से नहीं मिलेगे | कही यह न हो जाए की न मिले खुदा न मिले विशाले शनम |
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