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Wednesday, December 23, 2009

बौद्धिक स्तर पर भारत को घेर रहा है चीन

                         चीनी लाल सेना के भारत की सीमा में घुसपेढ के बीच बोधिक स्टार पर भी चीन भारत को घेरने में लगा है / रोटी बेटी के सम्ब्न्ध वाले भारत एवं नेपाल के प्रगाढ सबंधो के बीच नेपाल में लगातार अपनी पैठ बना रहा है /चीन वहा अपनी प्रभुता एवं सांस्कृतिक चेतना का प्रचार-प्रसार चायना स्टडी सेंटर के जरिए कर बौद्धिक स्तर पर अपनी पैठ बढ़ा रहा है। रोटी बेटी के संबंध वाले भारत नेपाल के प्रागाढ़ संबंधों से चीन की यह योजना कामयाब हो सकती है। जानकारी के मुताबिक अक्टूबर माह के अंतिम पखवाड़े में प्रखंड की सीमा से लगे नेपाल के झापा जिले में दूसरे चायनीज स्टडी सेंटर को खोलकर चीन ने भारत नेपाल सीमा पर अपनी दखल बढ़ा दी है। इससे पहले वर्ष 2007 से भद्रपुर में कार्यरत चीनी स्टडी सेंटर के बाद 16 अक्टूबर को  विरतामोड़ में इस केन्द्र के उद्घाटन के अवसर पर चीन में नेपाल के राजदूत कियु गुयोहोंग ने भले ही इसे नेपाल एवं चीन की दोस्ती में एक अहम पड़ाव बताया है, परंतु खुफिया विभाग द्वारा केन्द्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार ये केन्द्र भारत के खिलाफ जासूसी केन्द्र बंद हो चुके हैं। खुफिया विभाग द्वारा केन्द्र सरकार को भेजी रिपोर्ट के अनुसार भारत नेपाल सीमा पर 24 ऐसे स्टडी सेंटर कार्यरत हैं। जो भारत के गतिविधि पर पैनी नजर रखते हैं। देश की सुरक्षा से जुड़े इस मसले पर केन्द्र सरकार यदि समय रहते नहीं चेती तो हजारों साल तक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जाना जा रहा नेपाल चीन के कब्जे में आए तिब्बत जैसी हो जाएगी। तिब्बत को हड़पने के बाद एक बार माओ ने कहा था तिब्बत तो चीन की हथेली है। इसकी पांच अंगुलियां नेफा, अरुणाचल प्रदेश, भूटान, नेपाल, सिक्किम एंव लद्दाक में हैं। अपनी इन पाचो अगुलियो को अपने में समेटने के बाद लाल सेना द्वारा  धिर्घ्कलिन निति अपनाई जा रही है .  सन1962 में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के तवांग, वाउडीला आदि इलाकों में घूस 90 हजार वर्ग मील भूमि पर अपना दावा करना इसका उदाहरण है। विश्व के एक मात्र घोषित हिन्दू राष्ट्र नेपाल वर्तमान में माओवादियों के कब्जे में है .राजतन्त्र को हटाने के नाम पर तथा बाद में माओवादियों ने भारत विरोधी वातावरण नेपाल में फिलाया . नेपाल के माओवादियों के सहयोग से आज भारत में भी माओबाद फेलता जा रहा है देश के नौ प्रांतों के 170 जिले पूरी तरह माओवादियों के शिकंजे में हैं। चीन आज नेपाल को भारत विरोधी अड्डा के रूप में बनाने में काफी हद तक सफल हो चुका है